मुलाक़ात-गज़ल-deepti-singh
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एक अजनबी सी मुलाक़ात
ख़ुद के साथ हुई
ज़िन्दगी के मोड़ पर
मंज़िल की तलाश में खड़ी थी
ख़ुद से ही पता पूछ रही थी मैं
बड़ी अजीब सी बात मेरे साथ हुईं
जब ख़ुद से यूँ अजनबी सी मुलाक़ात हुई
मंज़िल की तलाश में क्यों है तुझे
राहें ही जब तेरे साथ नहीं
क्यों पूछती है पता मुझसे
जब ख़ुद को ही तू याद नहीं
मेरे ही सवाल पे मेरे जवाबों की जब बात हुई
बड़ी अजीब सी बात मेरे साथ हुई
मंज़िल की तलाश किसे नहीं
अगर कुछ पाने की इच्छा हो दिल में
राहें भी अपनी सी हो जाएँगी
पूछती हूँ पता ख़ुद से
क्योंकि ख़ुद के सिवा अब कोई साथ नहीं
भूल गयी थी ख़ुद को कुछ पल के लिए
जो तुम्हें कहना पड़ा याद नहीं
एक अजनबी सी मुलाक़ात में
कुछ इस तरह से ख़ुद से बात हुई।।

A writer having expertise in writing Multiple Domains. An Enthusiastic writer with a passion for Reading and writing. A Dedicated Reader and Multi Dimension Writer in WEXT India Ventures. I'm creating highly informative content for WEXT India Ventures about Entrepreneurship and Shark Tank India.

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