Hindiअधर में मजदूरमेरे दर्द का मंत्र परिजनों संग है, शकून का टौनिक वही पुराना है। आज घर गांव का महत्व हम समझे, अब तो हमको ... By Bijender Singh BhandariJuly 21, 20200
Hindiभगत देश का फिर लौटेगातुम काहे को रोये थे प्रियवर, भगत सिंह स्वदेश पर मरता था। जब चुमा फंदा फांसी उसने, तब कितना गदगद वो दिखता था। ... By Bijender Singh BhandariJuly 7, 20200
Entrepreneursअक्सर ऐसा क्यों होता हैमेरे कृषि प्रधान देश मेअक्सर ऐसा क्यों होता हैकृषिक तो भूखा मरता हैसहुकार चैन से सोता है। बीज बोये कुछ थे खोखलेक्यों कोई ... By Bijender Singh BhandariJanuary 24, 20190
Hindiहमरा घर बार आठ दस भाई बहनों का घर था हमारा, किसने किसका बच्चा नहलाया पता नहीं, घर की हर महिला नहाने से पहले एक बार ... By Mayank SharmaOctober 13, 20180
Hindiहमरी तिरछी नजरियापनवाड़ी चच्चा… पन्ना लाल कुछ कहना चाहता हूँ, क्योंकि चीखना चाहता हूँ, चिल्लाना चाहता हूँ सबसे छुप कर भी रोना चाहता हूँ. ऐ ... By Mayank SharmaOctober 12, 20180
Hindiइस गिरगिट के रंग सातइस सतरंगी दुनिया मे,एक अनोखी जात नित बदल कर रूप धरे,ये चम्चों की बात बलि चढें सही-गलत, ये ऐसी बुनते घात कब तक ... By Bijender Singh BhandariAugust 12, 20180
Hindiअब दिल्ली मे दम नहीमेरा इस दिल्ली मे जन्म हुआ था ये सुन्दर शहर तब दिल मे बसा था कल्पना न थी जो दशा है शहर की ... By Bijender Singh BhandariApril 3, 20180
Hindiअदभुत गुण सागर “माँ”माँ की ममता का मोल नही होता करूणा भी कोई तोल नही सकता माँ की मधुर डाँट रस्ते बुनती है दुर्गम पथ आशीष ... By Bijender Singh BhandariSeptember 13, 20170
Hindiऐसे पराक्रमी को नमन हमारासंगीन थामे तुम सीना चौडा कर गर्जते-शेर की मानिंद चलते हो दुश्मन देखे, उसे कम्पन हो जाती हमवतनों का हौंसला बढता है। कभी ... By Bijender Singh BhandariAugust 14, 20170
Hindiमेरी अभिलाषाव्यर्थ जीवन गया, क्या दुनियाँ को दिया? क्यों जन्मा था ? क्यों रहे याद हमारी? शहादत न सही, कुछ करता हितकारी युगों तक ... By Bijender Singh BhandariJuly 24, 20170